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मीठी बातें

उसकी बातें सुन कर मुझ को , वक़्त लगा कुछ ठहरा सा , लेकिन उन मीठी बातों मैं , प्यार छुपा था गहरा सा …. मैं भी हाथ थाम लेता उसका , लेकिन सांसों पर है पहरा सा , जो भी हो उन मीठी बातों मैं , प्यार छुपा था गहरा सा … रात मिला वोह सपनो मैं , कुछ परेशा , कुछ हैरान सा , कह के गया वो ऐसी बातें , जिनमे प्यार छुपा था गहरा सा … फूल खिल गए इस जीवन में, पहले था जो वीरान सा … ऐसी मीठी बातें थी वह , जिनमे प्यार छुपा था गहरा सा