Posts

Showing posts from March, 2012

हमारा दम निकलता है,

किसी को क्या बताएं कब हमारा दम निकलता है , अगर उनको भुलाएं हम हमारा दम निकलता है॥ यह उनके रूप का जादू पिये बिन ही बहकते हम , नशा गर यह न पाएं हम हमारा दम निकलता है॥ ये आंखें बोलतीं उनकी , जुबां रस घोलती उनकी , अगर ये मौन हो जाएं हमारा दम निकलता है॥ घनेरी काली जुल्फ़ों संग नहीं है धूप की चिन्ता , घटा बन गर बरस जाएं हमारा दम निकलता है॥ ये मीठे से गिले - शिकवे बहुत नीके लगें मन को , मगर जब रूठ जाएं ये हमारा दम निकलता है॥ अदा प्यारी लगे उनकी इक सदा पर दौड़े आते है , सहारा गर न पाएं हम हमारा दम निकलता है॥ अंधेरे गहरे सागर में पुतलियां मीन सी तिरतीं , कहीं जब चांद न पाएं हमारा दम निकलता है ॥