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तेरी रुसवाई

हम ने प्यार मैं पाया तो क्या पाया कभी खुद रो दिए कभी तुम को रुलाया हालत -ऐ -गम मैं बह गया जो आंसूं वो ज़िन्दगी मैं फिर कभी न बहने पाया सजा मुझे मिली और सजा उन्हें भी ऐसा भी क्या इन्साफ में है सर झुकाया हिम्मत नहीं थी उस मैं साथ मेरे देने की अब तक न जाने वो कैसे चल पाया.......