जब हम निकले

कंही फूल कंही भवर कंही रात और दिन

सारी रुत तेरी मेरी कहानी निकले



जब भी तुम्हारा ख्याल है आता

मेरी सांसो से तेरी ही खुसबू निकले



कंही ओस कंही बदल तो कंही रिमझिम बारिश

सरे मंजर में तेरे मेरे ही किस्से निकले



दूर होकर भी हम पास रहे

आज दुरी के उस पार हम निकले



कंही पत्तो की सरसराहट कंही चाँद और चादनी

सारी रंगिनिया तेरे मेरे मिलन की कहानी निकले

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