मैं कौन हूँ ..........

आखिर हूँ तो मैं कौन हूँ ?
इस सवाल से परेशान हूँ ......

मैं हर पल खुद से अनजान हूँ ....
कभी ज़मीन कभी आसमान हूँ .....

कभी खुद एक रास्ता हूँ .........
कभी हर रास्ते से अनजान हूँ ....

कभी चन्दन कभी मैं धुल हूँ .
कभी निश्चय कभी एक भूल हूँ ...

कभी महफिल कभी तन्हाई हूँ .....
कभी सतह कभी गहराई हूँ .....

कभी सोच हूँ एक विचार हूँ ....
कभी बेबस कभी लाचार हूँ ....

कभी उदास कभी निराश हूँ ....
कभी एक रौशनी एक आश हूँ .....

कभी पहला कदम एक शुरुवात हूँ .
कभी एक अनसुनी सी बात हूँ .....

कभी एक स्पर्श एक एहसाश हूँ .....
कभी उस दिल के कितने पास हूँ ...

कभी किसी के दर्द का समाधान हूँ
कभी किसी के आंसुओं की पहचान हूँ ...

कभी एक खुसी एक हंसी हूँ .....
कभी किन्ही आँखों की नमी हूँ ....

कभी दोस्त कभी हमदर्द हूँ .......
कभी खुद किसी का दर्द हूँ ......

एक भावना एक जज्बात हूँ .....
हर रिश्ते की शुरुवात हूँ .......

कभी एक विश्वास कभी एक धोखा हूँ ..
एक तनहा हवा का झोंका हूँ ....
कभी हर पल मैं एक ख्याल हूँ ...
कभी हर वक़्त मैं एक सवाल हूँ ..

मैं हर पल को जीना चाहता हूँ .
ज़िन्दगी का हर घूँट पीना चाहता हूँ ......

कभी सब कुछ मैं पाना चाहता हूँ .....
कभी सब कुछ गवाना चाहता हूँ ..

कभी सब कुछ मैं कहना चाहता हूँ ..
कभी हर बात मैं छुपाता हूँ ...

कभी वाचाल कभी मैं मौन हूँ ..
हर पल ढूंढता जवाब एक सवाल का ......
की
आखिर हूँ तो मैं कौन हूँ ..........?

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